मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लगातार यूक्रेन युद्ध रोकने की अपील की जा रही है और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्रपति पुतिन से युद्ध रोकने और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से सीधी बातचीत करने की अपील की है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने भी युद्ध रोकने की अपील की है। अब भारत और इजरायल की अपील के बाद रूस की तरफ से युद्ध रोकने के लिए चार शर्तें रखी गई हैं।
युद्ध रोकने के लिए पुतिन ने रखी चार शर्तें
रूस ने सोमवार को यूक्रेन से कहा है कि अगर कीव चार शर्तों की सूची को पूरा करता है, तो वह एक पल में सैन्य अभियानों को रोकने के लिए तैयार है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबित क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन को अपनी सैन्य कार्रवाई बंद कर देनी चाहिए और “फिर कोई गोली नहीं चलाएगा।”। 24 फरवरी को यूक्रेन के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की शुरुआत के बाद से रूस द्वारा अब तक का दिया गया यह सबसे स्पष्ट बयान है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के तीसरे दौर की वार्ता के लिए सोमवार को मिलने के बाद ये मांगे सामने राखी गई हैं।
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कीव पर घेराबंदी बढ़ा रहा रूस
रूस ने यूक्रेनी शहरों में गोलाबारी तेज कर दी है, जिसमें कीव के पास गोस्टोमेल शहर, पूर्व में खार्किव, उत्तर पूर्व में सूमी, उत्तर में चेर्निहाइव और दक्षिण पश्चिम में मायकोलायिव शामिल हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूसी सैनिकों पर नागरिकों की जानबूझकर हत्या करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जब दो बच्चों को लेकर एक परिवार इरपिन शहर से भागने की कोशिश कर रहा था, यूक्रेन ने दावा किया है कि, रूसी गोलीबारी में ये परिवार मार दिया गया।
पहली शर्त- फौरन गोलीबारी बंद करे यूक्रेन
रूस ने पहली शर्त के तौर पर यूक्रेन से फ़ौरन सैन्य प्रतिरोध बंद करने के लिए कहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबित, क्रेमलिन के प्रवक्ता पेसकोव ने कहा कि, रूस को यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया था, न कि केवल अलग क्षेत्रों की स्वतंत्रता को पहचानने के लिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन 30 लाख रूसी आबादी की रक्षा करना है, जिन्हें यूक्रेनी सैनिकों द्वारा धमकी दी गई थी। समाचार एजेंसी ने पेसकोव के हवाले से कहा है कि, “हम वास्तव में यूक्रेन के विसैन्यीकरण को खत्म कर रहे हैं। हम इसे खत्म कर देंगे। लेकिन मुख्य बात यह है, कि यूक्रेन को अपनी सैन्य कार्रवाई बंद करनी होगी और फिर दोनों पक्षों में से किसी भी तरह से कोई गोली-बारी नहीं की जाएगी।”
दूसरी शर्त, संविधान में संशोधन करे यूक्रेन
रूस की दूसरी शर्त में कहा गया है कि अपनी तटस्थता साबित करने के लिए यूक्रेन को अपने संविधान में संशोधन करना होगा और उसे साबित करना पड़ेगा, कि वो तटस्थता बनाए रखेगा और किसी भी ब्लॉक में प्रवेश करने के किसी भी उद्देश्य को अस्वीकार कर देगा।
तीसरी शर्त, क्रीमिया को रूसी हिस्सा माने यूक्रेन
रूस ने यूक्रेन के सामने जो तीसरी शर्त राखी है, उसके अनुसार यूक्रेन को क्रीमिया क्षेत्र को रूस का हिस्सा स्वीकार करना होगा। क्रेमलिन प्रवक्ता पेसकोव ने कहा कि, “हमने इस बारे में भी बात की है, कि क्रीमिया रूस का हिस्सा है, इसे वो किस तरह से स्वीकार करें।” आपको बता दें कि, क्रीमिया काला सागर के उत्तरी तट पर स्थित है, जो एक संकीर्ण इस्थुमस द्वारा यूक्रेन से जुड़ा हुआ है। यह व्यापार नेटवर्क को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण चौराहा रहा है। खबरों के मुताबिक, क्रीमिया पर कब्जे को लेकर पिछले कुछ समय से लड़ाई चल रही है और साल 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने औपचारिक मान्यता नहीं देते हुए इस कदम के लिए क्रेमलिन की निंदा की थी।
राष्ट्रपति पुतिन की चौथी शर्त
रूस ने यूक्रेन के सामने चौथी शर्त राखी है, उसमें डोनबास इलाके में स्थिति, डोनेट्स्क और लुगांस्क के अलगाववादी गणराज्यों को स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता देने की बात कही गई है। रूसी प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि, अगर यूक्रेन डोनेट्स्क और लुगांस्क को स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता दे देता है, तो क्रेमलिन अपने सैन्य अभियानों को एक पल में बंद कर देगा।
पीएम मोदी ने किया था आग्रह
रूस ने यूक्रेन के सामने जो चार कठोर शर्तें रखी हैं, जिससे उम्मीद है कि यूक्रेन उन्हें मानने से इनकार कर देगा। वहीं, यूक्रेन भी लगातार रूस के खिलाफ ऑपरेशंस को अंजाम दे रहा है, जिसमें रूस की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, एक दिन पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 50 मिनट तक बातचीत की थी और इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से डायरेक्ट बातचीत करने का आग्रह किया था।
पुतिन ने चार शहरों में किया सीजफायर का ऐलान
वहीं, पीएम मोदी से बातचीत के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए चार शहरों में सीजफायर का ऐलान किया है। रूस ने कीव, खारकीव, सुमी और मारियुपोल में सीजफायर का ऐलान किया है, जिसकी पीएम मोदी ने सराहना की है। वहीं, भारत सरकार की कोशिश अब सूमी क्षेत्र में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द निकालने की है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। भारतीय दूतावास के मुताबिक, आज आठ मार्च को मॉस्को के समयानुसार सुबह 10 बजे से सीजफायर का ऐलान किया गया था।
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