सेहत। आयुर्वेद में चना और चने की दाल को शरीर के लिए बहुत स्वास्थवर्धक बताया गया है। एक दिन में कितना चना खाना चाहिए इस पर विशेषज्ञों की मानें तो अगर आप रोजाना एक मुट्ठी चने का सेवन करते हैं तो शरीर से जुड़ी जितनी भी छोटी-मोटी बीमारियां दूर रहती हैं। चने में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फैट्स, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, विटामिन्स पाया जाता है। चने खाने से दिमाग तेज़ होता है, खून साफ होता है और चेहरे पर निखार आता है।
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सुबह खाली पेट चना खाने के कई फायदे मिलते हैं। सर्दियों में चने के आटे का हलवा खाना चाहिए, इससे अस्थमा में लाभ होता है। अगर आपको सांस या कफ संबंधी रोग हैं तो रात में भुने हुए चने सोते समय चबाकर गर्म दूध पीएं। अगर त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि से परेशान हैं तो चने के आटे की रोटी 40 से 60 दिनों तक खाए, ध्यान रखें रोटी में नमक का इस्तेमाल न करें, त्वचा सम्बन्धी रोगों में लाभ मिलेगा।
चना खाने के सही तरीका (Right Way to Eating Gram)
चना को मिट्टी के या चीनी-मिट्टी के बर्तन में रात को भिगोकर रख दें, और सुबह उठकर चबाकर सेवन करें। चना साफ़ पानी से धुलने के बाद उसे साफ़ पानी में करीब 8 घंटे भिगोकर रखना चाहिए। चने के साथ साथ इसके बचे हुए पानी को भी छानकर पीने से लाभ मिलता है। इसके लगातार सेवन से पुरुषों में कमजोरी से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
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भीगे चने खाने के फायदे (Benefits of Eating Soaked Gram)
इम्युनिटी बढ़ाने में-
चना शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काफी बेहतर होता है। अगर आप जल्दी-जल्दी बीमार हो जाते हैं तो भीगे चने खाना शुरू कर देना चाहिए। शरीर को सबसे ज़्यादा पोषण भीगे काले चनों से मिलता है। चने में विटामिन्स के अलावा क्लोरोफिल और फास्फोरस जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं जो शरीर से बीमारियों को दूर रखते हैं। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए नियमित सुबह एक से दो मुट्ठी भीगे चने खाएं और इसका असर आप बहुत जल्द महसूस करेंगे पाएंगे।
पेट सम्बन्धी परेशानियों से निजात-
पेट की समस्याएं कई तरह की बीमारी की जड़ होती हैं। ऐसे में पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए चना रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दीजिये और सुबह चने में थोड़ा सा अदरक, जीरा और नमक मिलाकर खाइये, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्यायें ख़त्म हो जाएंगी।
पुरुषों के लिए लाभदायक-
चना पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याओं का आसान उपाय हो सकता है, ऐसे लोगों को सुबह खाली पेट काले भीगे चने खाना चाहिए। ध्यान रहे चनों को खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए, जिससे चने आसानी से पचकर शरीर को पुष्ट बनाते हैं।
डायबिटीज से राहत-
अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं और इसे जल्द ठीक करना चाहते हैं तो आपको भीगे चने का सेवन शुरू कर देना दीजिये। 25 ग्राम काले चनों को रात में भिगोकर रख दीजिये और इन्हें सुबह खाली पेट खा लीजिये। ऐसा नियमित तौर पर करने से डायबिटीज दूर हो जाएगी। अगर डायबिटीज की दवाइयां ले रहें तो चना खाने से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
थकान से राहत-
अगर आप अकसर थकान महसूस करते हैं और शरीर में एनर्जी की कमी महसूस होती हैं तो इसके लिए एक से दो मुट्ठी भीगे चनों में थोड़ा सा नींबू, अदरक के टुकड़े, नमक और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में लें। ऐसा करने से आपको थकान से रहता मिलेगी और आप पूरे दिन एनर्जेटिक महसूस भी करेंगे।
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भुने चने खाने के फायदे (Benefits of Eating Roasted Gram)
– नियमित भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।
– दस ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शकर दोनों मिलाकर 40 दिनों तक खाने से धातु पुष्ट हो जाती है।
– गर्भवती महिला को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं, उल्टियों में राहत मिलेगी।
– भुने हुए गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम में फायदा होता है।
– सांस या कफ संबंधी रोगों में भुने हुए चने रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीएं, काफी लाभ मिलेगा।
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किन लोगों को चना नहीं खाना चाहिए? चना खाने के नुकसान
जहाँ चना प्रोटीन से भरपूर फूड है जिसे काफी लोग खाना भी पसंद करते हैं। चना फाइबर से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है। चने में पाए जाने वाला आयरन शरीर में खून की कमी को दूर करता है और शरीर को पुष्ट बनाता है। वहीं कुछ लोगों के लिए चना खाना फायदेमंद न होकर नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइये जानते है विशेषज्ञ किन लोगो को चना खाने से मना करते है:-
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या होने पर-
कुछ लोगो के लिए चना पचाना कुछ मुश्किल हो सकता है। कई लोग चना खाने के बाद पेट दर्द, गैस और बदहजमी की शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चना खाने के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं काफी आम हैं। चना में कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो ठीक से पच नहीं पाते हैं। इसके अलावा पके हुए चना में जटिल शुगर, किण्वित ओलिगोसेकेराइड, डिसाकाड्स, मोनोसेकेराइड और पॉलीओल्स भी होते हैं, जिन्हें और आंतों द्वारा पूरी तरह से अवशोषित नहीं किया जा सकता है। ये शुगर बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा किण्वित होती हैं और आंतों में सूजन या आंत में फंसी हुई गैस का कारण बनते हैं जिससे कई बार भरी दर्द भी हो सकता है। इसलिए गैस व एसिडिटी, क्रोहन, बड़ी आंत में सूजन, लैक्टोज रोगों वाले लोगों को चना खाने से परहेज करना चाहिए।
गाड़िया से पीड़ित लोग चना खाने से बचे-
चना में प्यूरीन नामक एक रसायन होता है और जब ये प्यूरीन टूट जाते हैं तो अतिरिक्त यूरिक एसिड उत्पन्न होता है, जिसके परिणामस्वरूप गठिया होता है जो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमा होने के कारण होता है। इसे जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इसलिए जिन लोगों को जोड़ों के दर्द की समस्या है या फिर अर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें चना खाने से बचना चाहिए।
पथरी होने पर-
आजकल पथरी एक आम समस्या सी बन चुकी है। किडनी की पथरी से बहुत से लोग परेशान रहते हैं। ऐसे लोगों को चना खाने से बचना चाहिए, क्योकि चना में ऑक्सालेट होते हैं, जो किडनी द्वारा पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं। जैसे-जैसे शरीर में ऑक्सालेट का स्तर बढ़ता है, वे कैल्शियम के साथ किडनी में जमा हो जाते हैं और कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन, एक प्रकार की किडनी स्टोन का कारण बनते हैं।
एलर्जी वाले लोग चना खाने से बचे-
कुछ लोगों को चना या हाई प्रोटीन वाली फलियों से एलर्जी होती है। अगर किसी को चना खाते ही खुजली, उल्टी या फिर एलर्जी की समस्या महसूस होती है तो ऐसे लोगो को चना खाने से बचना चाहिए। क्योंकि अक्सर ऐसा प्रोटीन एलर्जी या फिर फूड एलर्जी की वजह से होता है। इसी कारण से आपको मतली, उल्टी, पेट में दर्द और त्वचा में खुजली हो सकती है। इस तरह की कोई एलर्जी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
दवाएं लेने वाले लोग-
अगर आप कुछ दवाओं का सेवन कर रहें हैं, तो आपको चना के सेवन को लेकर एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए। क्योंकि चने में पोटेशियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जो कुछ खास दवाओं चलते कुछ नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए लगातार दवाओं का सेवन करने वाले लोग चने को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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चने में न्यूट्रिएंट्स की वैल्यू कितनी होती है?
100 ग्राम चने में न्यूट्रिएंट्स की वैल्यू कुछ इस प्रकार होती है:
न्यूट्रिएंट | मात्रा | लाभ |
कैलोरी | 119 | एनर्जी देती है |
प्रोटीन | 15 gm | मसल्स बनाने में लाभप्रद |
फाइबर | 13 gm | डाइजेशन में लाभप्रद |
पौटेशियम | 172 mg | BP कंट्रोल करता है |
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। राष्ट्र-बंधु इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।)
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