सेहत। एक दिन में कितना अंजीर खाना चाहिए ये काफी कुछ व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है, अगर एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति की बात करें तो एक दिन में कम से कम 2 से 3 और अधिकतम 4 अंजीर का सेवन एक दिन के लिए पर्याप्त है। अंजीर के तासीर गर्म होने के कारण अधिक अंजीर का सेवन पेट में गैस बनने समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए गर्मियों के मौसम या गर्म प्रदेश के लोगों को औसत मात्रा में ही अंजीर का सेवन करना चाहिए। अंजीर वजन कम करने, पाचन बेहतर करने, कब्ज से राहत और ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही कई बीमारियों में रामबाण काम करता है। इसके अलावा ये शरीर को और भी कई फायदे पहुंचाता है।
अंजीर खाने के सही तरीका
प्रायः अंजीर ताजे फल और सूखे फल के रूप में बाजार में मिल जाता है। ताजे अंजीर को सामान्य तौर पर चबाकर खाया जा सकता है और अगर वही आप सूखे अंजीर का सेवन करते है तो बेहतर परिणाम के लिए इसे पानी मे भिगोकर या फिर पानी से अच्छी तरह धुल कर दूध में भिगोकर इसका सेवन करें काफी अच्छा परिणाम मिलेगा। अंजीर के सेवन के लिए सुबह का समय काफी अच्छा होता है अतः रात मे अंजीर को भिगोकर रख दे और सुबह इसका सेवन अच्छी तरह चबाकर करें जिससे इसमें मौजूद बीज अच्छी तरह पच सकें।
गर्मियों में अंजीर का सेवन कैसे करें?
अंजीर की तासीर गर्म होने के कारण गर्मियों मे अंजीर का सेवन उचित मात्रा में ही करना चाहिए साथ ही सूखे अंजीर के सेवन से बचना चाहिए। अंजीर को खाने से पहले 5-6 घंटे के लिए साफ पानी में भिगोकर रख दे, और उसके बाद में सेवन करें। जिससे गर्मियों में पाचन संबंधी विकार होने से बचा जा सकता है।
अंजीर खाने के फायदे
ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखता है
अंजीर में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो शरीर में शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। एक्स्पर्ट्स की माने तो अंजीर में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। भीगा हुआ अंजीर खाने से टाइप-2 डायबिटीज में भी ब्लड ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित कर सकता है। अंजीर का सेवन लोगों सलाद और समूदी मे भी इस्तेमाल करते हैं।
कब्ज से निजात दिलाता है
अंजीर में मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है। आप कब्ज की समस्या से निजात और स्वस्थ आंत के लिए अपने आहार में अंजीर को शामिल कर सकते हैं।
वजन नियंत्रित रखने में
अगर आप डाइटिंग पर हैं तो अंजीर को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। अंजीर में फाइबर होता है जो वजन नियंत्रित करने के लिए मददगार होता हैं और अंजीर से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर भी मिलता है। वेट लॉस के लिए अंजीर का सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करें क्योंकि इसमें कैलोरी होती है और अधिक अंजीर वजन भी बढ़ा सकता है।
स्वस्थ हृदय के लिए
अंजीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता हैं, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है अंजीर शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मददगार है जो हृदय संबंधी समस्याओं का एक प्रमुख कारण है।
स्वस्थ हड्डियों के लिए
अंजीर में कैल्शियम मौजूद होता है जो शरीर की हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। शरीर में कैल्शियम की कमी ना हो, इसलिए दूध, सोया, हरी पत्तेदार सब्जियां और अंजीर जैसे फूड का सेवन किया जा सकता है।
कामोत्तेजक के रूप में
अंजीर अच्छी नींद दिलाने में मदद, इम्यूनिटी बूस्टर, हड्डियों, दांतों के स्वास्थ्य और ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करता है, शारीरिक सूजन कम करता है, जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में राहत, पाचन, मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और कामोत्तेजक के रूप में काम करता है। इसमें मौजूद एक विशिष्ट प्रकार के पाचक गुण मर्दों की सेक्स पावर को बढ़ाता है जो कि बांझपन या नपुंसकता से ग्रसित मर्दों के लिए बहुत ही लाभदायक हो सकता है। अंजीर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स विटामिन A और C शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
प्रेगनेंसी में लाभदायक
प्रेगनेंसी में आयरन की कमी को दूर करने में अंजीर काफी मददगार हो सकता है। अंजीर में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अजीर खाने से गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी के साथ कई और समस्याओं में भी मदद होती है। प्रेगनेंसी में जिस तरह से हरी सब्जियां, अनाज, फल, ड्राई फ्रूट, जूस का सेवन करना चाहिए उसी तरह से अंजीर को भी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
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अधिक अंजीर खाने के नुकसान
अल्सर वा पथरी का कारण बन सकता है
अधिक अंजीर का सेवन, पेट में अल्सर का कारण बन सकता है। अंजीर में ऑक्सलेट की मात्रा ज्यादा होती है जो पथरी की समस्या को भी बढ़ा सकता है। ऐसे लोग जिनमे ये समस्याएं पहले से हो उन्हें अंजीर से सेवन से बचना चाहिए।
लिवर की समस्या में
लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी अंजीर के सेवन से बचना चाहिए। ये लिवर की गतिविधियों को स्लो कर सकता है जिसकी वजह से कई समस्याएं जैसे लिवर में दर्द, लिवर कमजोर, पेट खराब होना और दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं।
माइग्रेन का कारण
अंजीर में मौजूद सल्फाइट की वजह से माइग्रेन की दिक्कत बढ़ सकती है। सिर दर्द या माइग्रेन होने पर अंजीर का सेवन नहीं करना चाहिए।
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अंजीर में न्यूट्रिएंट्स की वैल्यू कितनी होती है?
40 ग्राम अंजीर में न्यूट्रिएंट्स की औसत वैल्यू कुछ इस प्रकार होती है:
न्यूट्रिएंट | मात्रा | लाभ |
कैलोरी | 30 | एनर्जी देती है |
फैट | 0.1g | कोशिकाओं के विकास मे |
कार्बोहाइड्रेट | 7.7g | ऊर्जा देता है |
सोडियम | 0.4mg | BP वा रक्त मात्रा कंट्रोल करता है |
फाइबर | 1.2g | डाइजेशन में लाभप्रद |
प्रोटीन | 0.3g | मसल्स बनाने में लाभप्रद |
पोटैशियम | 93mg | BP कंट्रोल करता है |
मैग्नीशियम | 7mg | हड्डियों के स्वास्थ्य मे लाभ |
शुगर | 6.5g | मस्तिष्क तक ग्लूकोज सप्लाई |
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। राष्ट्र-बंधु इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।)
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