अर्थ। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है उसको लेकर RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वैश्विक परिस्थितियां को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया हैं। उन्होंने कहा कि रुपया के कमजोर होने की अहम वजह अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। भारतीय अर्थव्यवस्था या फिर देश के मैक्रोइकोनॉमिक्स का कमजोर होना इसकी वजह नहीं है। भारतीय रुपया कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, यह दुनिया की अन्य कई करेंसी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
इस वजह से डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया
शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI द्वारा बाजार में हस्तक्षेप करने से रुपए को मजबूती मिली है, रुपए में बड़ी गिरावट नहीं हुई है। हम इस पर नजर रख रहे हैं और पूरी तरह से हमारा ध्यान रुपए को स्थिर रखने पर है। गवर्नर ने यह बयान RBI की मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए दिया। मौजूदा वित्त वर्ष की बात करें तो यूएस डॉलर इंडेक्स में 8 फीसदी की मजबूती दर्ज की है। जबकि भारती रुपए में 4.7 फीसदी की ही गिरावट हुई है। यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय रुपया जुलाई माह में अमेरिकी डॉलर की तुलना में 80 तक पहुंच गया था, ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है जब भारतीय रुपया 80 तक पहुंचा गया था। विश्लेषकों का कहना है कि इसके पीछे की बड़ी वजह ट्रेड डेफिसिट, अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें रही हैं।
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महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए RBI ने बढ़ाई ब्याज दरें
वहीं RBI की मौद्रिक नीति की बात करें तो रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की है। इस बढ़ोत्तरी के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी हो गया है। महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए RBI ने एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है। आज की बढ़ोत्तरी के बाद रेपो रेट कोरोना महामारी के शुरू होने से पहले वाले स्तर 5.15 को पार कर गया है। ज्ञात हो कि रेपो रेट में बढ़ोत्तरी करने से बाजार में पैसे की मांग कम होती है, जिससे महंगाई दर नीचे आती है।
RBI की महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश
भारतीय बाजार की खुदरा महंगाई दर की बात करें तो यह 6 फीसदी से अधिक है, जो कि लगातार छठे महीने में महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। जुलाई माह में महंगाई दर 7.01 फीसदी तक पहुंच गई थी। वहीं RBI की ओर से अनुमान के अनुसार 2022-23 में विकास दर 7.2 फीसदी रहने वाली है। पहले क्वार्टर में 16.2, दूसरे में 6.2, तीसरे में 4.1 और चौथे क्वार्टर में यह 4 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई 6.7 फीसदी रहने की संभावना है।
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