Friday, March 29, 2024
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महिला सशक्तीकरण की दिशा में दशकों से अग्रणी भूमिका निभा रहा है CMS : डा. भारती गाँधी

लखनऊ, 7 मार्च। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक अनौपचारिक वार्ता में सिटी मोन्टेसरी स्कूल की  संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में CMS दशकों से अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वर्ष 1959 में, अपनी स्थापना के समय से ही CMS महिला सशक्तीकरण का अलख जगा रहा है। सामाजिक विकास में महिलाओं के योगदान को CMS ने गहराई से आत्मसात किया है और आज CMS के 52,000 छात्रों को शिक्षा देने वाली 90 प्रतिशत शिक्षिकाएं हैं, जो भावी पीढ़ी के भविष्य निर्माण में संलग्न हैं।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में CMS अग्रणी-

डा. गाँधी ने आगे कहा कि CMS के छात्र-छात्राएं विभिन्न माध्यमों से महिला सशक्तीकरण की जोरदार आवाज बुलन्द कर समाज में महिलाओं को उचित सम्मान देने हेतु जन-मानस को लगातार जागरूक कर रहे हैं। इसी कड़ी में अभी हाल ही में राजाजीपुरम में 1090 पुलिस के पिंक बूथ के उद्घाटन अवसर पर CMS कानपुर रोड एवं आर.डी.एस.ओ. कैम्पस के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के प्रस्तुतिकरण द्वारा महिला सशक्तीकरण का उद्घोष किया तो वहीं दूसरी ओर CMS आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की कक्षा-11 की छात्रा उर्वी ने पोस्टर बनाकर महिलाओं की आवाज बुलन्द की। इसी प्रकार, विगत सप्ताह CMS राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) के छात्र-छात्राओं ने मनोवैज्ञानिक काउन्सलर हेमा टंडन के मार्गदर्शन में लैंगिक समानता पर विचार-विमर्श किया।

आगे बातचीत करते हुए डा. भारती गाँधी ने कहा कि वर्तमान समाजिक विकास में महिलाओं की अतुलनीय भागीदारी के बावजूद लिंगभेद की असमानता चिंतनीय है। इसी संदर्भ में लैंगिक असमानता, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि सामाजिक कुरीतियों के खत्म करने, महिलाओं पर होने वाले अपराध व हिंसा पर अंकुश लगाने एवं समाज में महिलाओं का उचित सम्मान व प्रतिनिधित्व प्रदान करने के उद्देश्य से CMS द्वारा विगत कई वर्षों से लगातार इण्टरनेशनल मीडिया कान्फ्रेन्स का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य यही है कि स्कूल एवं मीडिया के संयुक्त प्रयास से समाज में रचनात्मक बदलाव लाया जाए।

यह भी पढ़ें : Stanford University, अमेरिका से CMS छात्र को मिली डाक्टरेट की उपाधि

डा. गाँधी ने कहा कि CMS का मिशन है कि बच्चों को शैक्षिक ऊचाइयाँ प्रदान करने के साथ उन्हें समाजिक सरोकारों से भी जोड़े। अभिभावक एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं ही ऐसे माध्यम हैं जो भावी पीढ़ी को सही रास्ता दिखाते हैं, उन्हें समानता का व्यवहार सिखाते हैं, उनमें परस्पर सम्मान की भावना जगाते हैं।

डा. गाँधी ने जोर देते हुए ने कहा कि विश्व की आधी आबादी ‘महिलाएं’ विश्वव्यवस्था की रीढ़ हैं। सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी क्षमता, प्रतिभा, नेतृत्व गुण आदि को स्थापित किया है परन्तु अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समाज के प्रत्येक नागरिक को यह भावना आत्मसात करने की जरूरत है कि महिला व पुरुष दोनों ही बराबर है। अब समय आ गया है कि माताओं को भी एक समाज के प्रति दायित्व निभाना चाहिए और अपना योगदान देना चाहिए, साथ ही साथ महिलाओं की हक की लड़ाई में पुरुषों को भी आगे आना चहिए।

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Sanjeev Shukla
Sanjeev Shuklahttps://www.rashtrabandhu.com
He is a senior journalist recognized by the Government of India and has been contributing to the world of journalism for more than 20 years.
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