लखनऊ, 14 मार्च। डिवाइन एजुकेशन (Divine Education) से ही हम बच्चों का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं। अतः विद्यालयों में प्रार्थना अनिवार्य रूप से होनी चाहिए तथापि घरों में भी ईश्वरमय वातावरण होना चाहिए तभी हम शिक्षक व अभिभावक मिलकर भावी पीढ़ी को नेक रास्ते पर ले जा सकते हैं।
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यह विचार हैं CMS संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के, आज आज CMS जॉपलिंग रोड कैम्पस द्वारा विद्यालय प्रांगण में आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि उद्देश्यपूर्ण शिक्षा का मनुष्य के ऊपर व्यापक प्रभाव होता है। अतः ऐसे विद्यालय की आवश्यकता है जो भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक तीनों प्रकार की शिक्षा बालक को देकर उसे संतुलित विश्व नागरिक बना सकें।
शिक्षा का उद्देश्य अंदर छिपी शक्तियों तथा क्षमताओं को विकसित करना
इससे पहले डा. गाँधी ने CMS जॉपलिंग रोड द्वारा विद्यालय के सजे-धजे प्रांगण में ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स (Divine education Conference)’ का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत के माध्यम से ईश्वरीय एकता का ऐसा आलोक बिखेरा कि दर्शक व अभिभावक अभिभूत हो गये।
अभिभावकों का आभार व्यक्त करते हुए CMS जॉपलिंग रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या शिप्रा उपाध्याय ने कहा कि यदि समाज में सार्थक और स्थायी परिवर्तन उत्पन्न करना है तो शिक्षा को सामाजिक विकास से जोड़ना ही होगा। शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य के लिए उसके अंदर छिपी शक्तियों तथा क्षमताओं को विकसित करना है, ताकि वह अपने हिस्से का योगदान आधुनिक मानव सभ्यता के विकास के लिए दे सकें।
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