Tuesday, October 8, 2024
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ओपी राजभर की वापसी से यूपी में BJP को होगा कितना फायदा?

भारती जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से NDA को मजबूत करने की मुहिम में जुटी है। अब यूपी में इसमें एक बड़ी सफलता भी मिली है। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एक बार फिर NDA का हिस्सा बन गई है।

ज्ञात हो कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को सपा-बसपा गठबंधन की वजह से पूर्वांचल की कई महत्वपूर्ण सीटों पर भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। गाजीपुर, जौनपुर और घोसी जैसी सीटें उसके हाथों से निकल गई थी। उस समय ओमप्रकाश राजभर भाजपा से अलग थे।

विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच BJP को बड़ी सफलता

2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार थे। और परिणाम ये हुआ कि गाजीपुर जनपद की सभी सातों सीटें पर BJP हार गई थी। दो पर उनकी पार्टी और बाकी पर सपा ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर देश में विपक्षी एकता की जो कोशिशों चल रही हैं, उनका सामना करना बीजेपी के लिए आसान नहीं लग रहा था। इसी बीच बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर को अपने खेमे मे शामिल करने की बड़ी सफलता हासिल की है।

अब 2024 के चुनाव में पूर्वांचल में BJP को मिल सकता है बड़ा फायदा

ओम प्रकाश राजभर की पार्टी की NDA में वापसी से BJP को काफी फायदा मिल सकता है। 2022 में सपा के साथ गठबंधन में सुभासपा को 6 सीटें मिली थीं। जिन 19 सीटों पर वह चुनाव लड़ी, वहां पार्टी को 29.77% वोट मिले। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि इलाके की अधिकतर सीटों पर राजभर समाज का लगभग 20 हजार के आसपास का वोट बैंक है।

यह भी पढ़ें: NDA में शामिल हुए ओमप्रकाश राजभर, अमित शाह ने किया स्वागत

पहले भी बीजेपी को मिला था गठबंधन का लाभ

एक दौर था जब यूपी में बीजेपी और सुभासपा साथ-साथ थे। आंकड़ों से लगता है कि 2014 के लोकसभा चुनावों और 2017 के विधानसभा चुनाव दोनों में पूर्वांचल में बीजेपी की बड़ी जीत में राजभर की पार्टी का बड़ा योगदान रहा है। वजह ये है कि पूर्वांचल में राजभर समाज को एक बड़ा वोट बैंक है, जो एकजुटता के साथ वोट करता है।

गठबंधन में दिखता है राजभर का दम

योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में ओपी राजभर कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे। आंकड़ों के अनुसार राजभर समाज की वजह से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश के लगभग 15 जिलों में अच्छा प्रभाव है। यूपी में हुए पिछले कुछ चुनावों का विश्लेषण करें तो यही लगता है कि यह पार्टी भले ही अकेले दम पर बाजी पलटने की स्थिति में नहीं रहती हो, लेकिन एक और एक मिलकर ग्यारह बनाने का दम जरूर रखती है।

राजभर के लिए BJP के पास क्या होगा तात्कालिक ऑफर?

भाजपा-सुभासपा एक साथ पुनः शामिल हुए हैं तो गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़ और अंबेडकर नगर के अलावा आसपास के क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति और बेहतर हो सकती है। चर्चा यह भी है कि इन सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ओपी राजभर के बेटे को गाजीपुर सीट से टिकट का ऑफर दे सकती है। इसके साथ ही खुद राजभर को फिर से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाकर सत्ता का स्वाद चखने का मौका मिल सकता है। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि ओपी राजभर बीजेपी से तीन से चार लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं, लेकिन क्या भाजपा इसके लिए तैयार होगी यह बड़ा सवाल है?

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