Jyotish: ज्योतिष वैदिक काल से ही मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी रहा है। कोई जानवर हो या इंसान, हर किसी का अपना स्वभाव यानि फितरत होती है। जानवरों का स्वभाव तो काफी हद तक उनकी प्रजाति से पता चल जाता है, पर जब वही हम इंसानों में देखते हैं तो हर किसी का स्वाभाव अलग-अलग होता है। इंसानों के व्वयभाव की गणना ज्योतिष में उनके गृह और नक्षत्रों के आधार पर की जाती है। ज्योतिष एक शास्त्र जिसकी विज्ञान या अन्य किसी विषय की तरह ही शिक्षा ली जा सकती है।
ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत सबसे पहले किसी भी व्यक्ति की मूल प्रवृत्ति/ मूल स्वभाव/ मूल चरित्र देखने- सीखने और समझने की शिक्षा दी जाती है ताकि ज्योतिष विद्यार्थी जीवन में किसी से धोखा ना खाएं, ना केवल इस उत्तर के लिए बल्कि जीवन में सफलता के लिए हमें सामने वाली फितरत/स्वभाव के बारे में जानकारी पहले से ही होनी चाहिए, यह सब ज्योतिष गणना के द्वारा संभव है। मानव प्रवृत्ति, मानव चरित्र को ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से सीखा और समझा जाता है।
चलिए एक छोटी सी कहानी के माध्यम से इससे समझने का प्रयास करते हैं-
बिच्छू व बतख का स्वभाव
एक बिच्छू दलदल में फंसा हुआ था उसकी इस स्थिति पर एक बतख को दया आ गई, उसने बिच्छू को दलदल से उठाकर सूखे स्थान पर रख दिया, बिच्छू ने अपनी मूल प्रवृत्ति/फितरत के अनुसार बतख को डंक मार दिया। मरते- मरते बतख ने बिच्छू से पूछा, “मैंने तो तुम्हारी मदद की फिर तुमने मुझे क्यों मारा?” इस पर बिच्छू बोला, “क्या करुँ.. डंक मारना मेरा स्वभाव है। मैं जानकार भी अपना स्वाभाव नहीं बदल सकता।
उपरोक्त कहानी में जैसे बिच्छू का स्वभाव डंक मारना है वैसे ही हर व्यक्ति मे कुछ मूल लक्षण हो सकते हैं जिसे ज्योतिष के माध्यम से जाना और पहचाना जा सकता है। ऐसे में अब यह भी सवाल उठ सकता है कि भला हमे किसी व्यक्ति की फितरत जानने की जरूरत ही क्या है तो आइए इसपर भी बात कर लेते है।
Jyotish से किसी व्यक्ति का स्वभाव जानने की जरूरत
जब आपसे कोई ऊपर से मीठी-मीठी बात करें/ प्यार करें और अंदर से यानि पीठ पीछे से आपको धोखा दे जाए, तब सबसे ज्यादा दुख होता है। इस तरह का धोखा प्यार, व्यापार, व परिवार हर जगह हो सकता है। इस तरह के धोखे और दुख से बचने के लिए हमें व्यक्ति की मूल प्रवृत्ति जानना बहुत जरूरी है, मूल प्रवृत्ति यानी की फितरत अगर आपको किसी व्यक्ति की फितरत पता लग जाएगी तब आप यह जान जाएंगे कि उस व्यक्ति का वास्तविक बर्ताव कैसा रहेगा। इसके लिए ज्योतिष शास्त्र के ग्रह नक्षत्रों के माध्यम से गणना की जाती है।
ठीक इसी प्रकार जब किसी जोड़े विवाह या प्रेम-विवाह होता है, तो व्यक्ति एक दूसरे की मूल प्रवृत्ति को तत्काल नहीं जान समझ पाते हैं। आजकल लड़की और लड़कों की मुह दिखाई तो बहुत होती है पर गुणों के मिलान पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सभी को बाहरी सुंदरता दिखती है और व्यक्ति ऊपर से सामने वाले को बहुत अच्छा लगता है लेकिन कुछ समय/ महीने बाद जब उसको डंक लगता है यानी किसी तरह का धोखा मिलता है, तब उसके असली स्वभाव का पता लगता है। इसलिए हिन्दू विवाह में शादी होने से पहले कुंडली और गुण दोषों का मिलान किया जाता है गुण जीतने ज्यादा मिलते हैं वैवाहिक जीवन के उतने ज्यादा सुखी होने की संभावनाएं रहती हैं।
उम्मीद है ज्योतिष के बारें आपको कुछ बेहतर समझने अनुभव मिला होगा। इस पर आपके क्या विचार हैं हमें कमेंट्स मे लिखकर भेज सकते हैं।
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