Tuesday, October 8, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: योग हमारी प्राचीन परंपरा का बहुमूल्य उपहार

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के अवसर पर विशेष लेख।

-डॉ जगदीश गाँधी, संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.) लखनऊ

योग मन की शांति सुनिश्चित करता है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून 2015 को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)’ घोषित किये जाने से एक बार फिर से सारी दुनिया का ध्यान भारत की इस महान परम्परा की ओर न केवल गया, बल्कि योग की महत्ता को स्वीकार करते हुए आज विश्व के अनेक देशों के नागरिकों ने योग को अपने जीवन में शामिल भी किया है। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार “योग मन की शांति सुनिश्चित करता है। व्यक्ति को परिवार और समाज से जोड़ता है, आपसी स्नेह और मम भाव पैदा करता है। ऐसे ही समरस समाज शांति प्रिय राष्ट्र का निर्माण करते हैं। ऐसे राष्ट्रों से ही एक सौहार्द और सद्भाव से पूर्ण सुंदर विश्व का निर्माण होता है।”

योग से कर्मों में कुशलता आती है

योग शब्द का अर्थ ‘एक्य’ या ‘एकत्व’ होता है जो संस्कृत धातु ‘युज’ से निर्मित होता है। युज का अर्थ होता है ‘जोड़ना’ या एकजुट करना। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है ‘‘योगः कर्मसु कौशलम्’’ अर्थात् योग से कर्मों में कुशलता आती है। व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन और सामजस्य स्थापित करने का एक साधन है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है, विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने वाला है। आज के समय लोगों ने भौतिक जगत में बहुत ऊँचाई हासिल कर ली है, लेकिन अपने अंदर झाँकने का मौका केवल भारतीय संस्कृति ही देती है।

योग जीवन जीने की एक कला है

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने योग की महत्ता को स्वीकार करते हुए कहा था कि इस क्रिया से शांति और विकास में योगदान मिल सकता है। यह मनुष्य को तनाव से राहत दिलाता है। वास्तव में योग व्यक्ति और प्रकृति के बीच तालमेल बनाता है। इसमें केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और मनुष्य के बीच की कड़ी है। यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में हमारी मदद करता है। वास्तव में योग जीवन जीने की एक कला है। गीता में लिखा है- ‘‘योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की यात्रा है’’। योग मस्तिष्क, शरीर तथा आत्मा को एकाकार करता है। योग के द्वारा व्यक्ति तनाव मुक्त होकर चरम एकाग्रता की अवस्था को प्राप्त करता है। आज योग का ज्ञान जिस सुव्यवस्थित तरीके से हमें उपलब्ध है, उसका श्रेय महर्षि पतंजलि को जाता है।

CMS के छात्र योग के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक विरासत को बढ़ा रहे हैं विश्व में

21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा होने के बाद से ही CMS का छात्र दल प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय में योग प्रदर्शन कर देश की साँस्कृतिक विरासत को पूरे विश्व में प्रवाहित करता आ रहा है। CMS का मानना है कि योग हमारी महान साँस्कृतिक विरासत का ही एक अंग है तथापि वर्तमान जीवन शैली को देखते हुए यौगिक क्रियाओं से भावी पीढ़ी को अवगत कराना हम सबका परम दायित्व है ताकि एक स्वस्थ एवं समृद्ध समाज की स्थापना संभव हो सके। ऐसे में CMS अपनी स्थापना के समय से प्रत्येक बच्चे को गुणात्मक शिक्षा देने के साथ ही उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए नियमित रूप से योग की शिक्षा भी देता आ रहा है। इसके लिए विद्यालय एक ओर जहाँ प्रत्येक कैम्पस में योग शिविर आदि का आयोजन करता आ रहा है तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक वर्ष अंतर-विद्यालयी योग प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों की योग प्रतिभा को निखार रहा है।

योग एवं अध्यात्म में पूरी मानवता को एकजुट करने की शक्ति समाहित है

‘योग’ भारत के महान ऋषियों और मुनियों की ओर से विश्व की सारी मानवता को दिया गया बहुमूल्य उपहार है। यही कारण है कि आज ‘करो योग रहो निरोग’ का विचार सारे विश्व में गुंज रहा है। वास्तव में योग केवल आसन और मुद्राओं तक सीमित नहीं है। यह तो एक आदर्श, सुव्यवस्थित एवं वैज्ञानिक जीवन शैली है जो मानवीय जीवन को उत्थान की ओर ले जाती है। आज विश्व के करोड़ों व्यक्ति योग को अपने जीवन में अपनाकर स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जीने का लाभ उठा रहे हैं। योग एवं अध्यात्म में पूरी मानवता को एकजुट करने की शक्ति समाहित है। इसलिए विश्व के प्रत्येक विद्यालय में बच्चों को बचपन से ही योग एवं अध्यात्म की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए। वास्तव में योग एवं आध्यात्म के द्वारा ही भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ (विश्व एक परिवार) की परिकल्पना साकार होगी।

-जय जगत्-

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Sanjeev Shukla
Sanjeev Shuklahttps://www.rashtrabandhu.com
He is a senior journalist recognized by the Government of India and has been contributing to the world of journalism for more than 20 years.
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