Sunday, April 2, 2023
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उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नंदी ने अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ को सराहा

लखनऊ, 21 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित हो रहे ‘23वें अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ में अपने विचार व्यक्त करते हुए उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल ‘नंदी’ ने सम्मेलन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गाँधी को साधुवाद दिया। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में पधारे हस्तियों के सम्मान में रंगारंग ‘साँस्कृतिक संध्या’ का आयोजन आज सायं सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि ब्रजेश पाठक, उप-मुख्यमंत्री, उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर  साँस्कृतिक संध्या का विधिवत् उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन पाठक ने कहा कि विश्व में एकता व शान्ति स्थापित करने एवं बच्चों की आवाज को बुलन्द करने का सी.एम.एस. का यह प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है।

इससे पहले, सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सम्मेलन के चौथे दिन का उद्घाटन करते हुए प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल ‘नंदी’ ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विचारधारा से ही विश्व मानवता का कल्याण होगा। भारत की मूल विचारधारा ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित है। आज सम्पन्न हुए प्लेनरी सेशन्स एवं पैरालस सेशन्स में न्यायमूर्ति एलियाना एल्डर अराउजो सांचेज़, जज, सुप्रीम कोर्ट, पेरू, न्यायमूर्ति आनंद कोएमर चरण, जज, सप्रीम कोर्ट, सूरीनाम, न्यायमूर्ति डा. जेन केबोनांग, जज, हाईकोर्ट, बोत्सवाना, न्यायमूर्ति अब्दुल अज़ीज़ मुस्लिम, जज, हाईकोर्ट, नेपाल, न्यायमूर्ति लार्बा यारगा, जज, कान्स्टीट्यूशन कोर्ट, बुर्किना फासो, न्यायमूर्ति सेसिल मैरी ज़िनज़िंडोहौए, प्रेसीडेन्ट, हाई कोर्ट ऑफ़ जस्टिस, बेनिन, न्यायमूर्ति माटो अरलोविक, जज, कान्स्टीट्यूशनल कोर्ट, क्रोएशिया, न्यायमूर्ति माइंट थेन, जज, सुप्रीम कोर्ट, म्यांमार, न्यायमूर्ति रशीद रज़ायेव, चीफ जस्टिस, अज़रबैजान, न्यायमूर्ति कमल कुमार, चीफ जस्टिस, फिजी, न्यायमूर्ति वेरोनिक क्वोक, जज, सुप्रीम कोर्ट, मॉरीशस आदि कई न्यायविद्दों व कानूनविद्दों ने अपने विचार व्यक्त किये। सभी इस  ने इस बात की वकालत की हमें स्कूलों में एवं दुनिया में भी सहिष्णुता को बढावा देना होगा। साथ ही  कहा कि विश्व संसद सम्भव है लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय कानून के नियमों को सामाजिक मानदण्डों के रूप में परिवर्तित किया जाना चाहिए। शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों को मिलना ही चाहिए, उन्हें सुरक्षित एवं सुखद वातावरण प्रदान करना हम वयस्क लोगों का कर्तव्य है, ये वो स्वयं से नहीं पा सकते साथ ही विचारों की एकता को सुदृढ करने का आव्हान  भी किया।

Sanjeev Shukla
Sanjeev Shuklahttps://www.rashtrabandhu.com
He is a senior journalist recognized by the Government of India and has been contributing to the world of journalism for more than 20 years.
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